हाइलाइट
- प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना के तहत मिलने वाले लाभ कुछ इस प्रकार से है :-
- खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए बुनियादी ढांचा तैयार किया जाएगा।
- कृषि से उपभोक्ता तक आपूर्ति प्रबंधन को आसान बनाने में सहायता मिलेगी।
- किसानो के उत्पाद को खराब होने से बचाना।
- किसानों की आय दोगुनी करना।
- रोजगार के अवसर उत्पन किये जाएगे।
- प्रसंस्करण स्तर को बढ़ाया जाएगा।
ग्राहक देखभाल फ़ोन नंबर
- प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना टोलफ्री नंबर:- 1800 1111 75
- प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना हेल्पलाइन नंबर:- 011-26406557
- प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना हेल्पडेस्क ईमेल:- support-fpi@nic.in
योजना का अवलोकन
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योजना का नाम | प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना। |
आरम्भ वर्ष | 2017 |
लाभ | खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को बढ़ावा देना, किसानों की आय दोगुनी करना और नए रोजगार उत्पन करना। |
लाभार्थी | किसान। |
नोडल मंत्रालय | खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय। |
आवेदन का तरीका | आवेदक प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना के अंतर्गत ऑनलाइन आवेदन पत्र के माध्यम से आवेदन कर सकते है। |
योजना के बारे में
- कृषि समुद्री प्रसंस्करण और कृषि प्रसंस्करण क्लस्टरों के विकास को बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने "प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना" को शुरू किया।
- प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना को वर्ष 2017 में शुरू किया गया।
- प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना एक अम्ब्रेला योजना है, जिसके अंतर्गत निम्नलिखित आठ योजनाओं को कार्यान्वित किया गया है:-
- मेगा फूड पार्क।
- कोल्ड चेन।
- खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों का निर्माण या विस्तार।
- कृषि-प्रसंस्करण क्लस्टरों के लिए बुनियादी ढाँचा।
- बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज का निर्माण।
- ऑपरेशन ग्रीन्स।
- खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता आश्वासन अवसंरचना।
- मानव संसाधन और संस्थान।
- योजना का मुख्य उद्देश्य आधुनिक बुनियादी ढांचे को विकसित करना और कृषि से उपभोक्ता तक आपूर्ति प्रबंधन को आसान बनाना है।
- योजना के कार्यान्वित के बाद इसके माध्यम से किसानो की आय में दोगुना वृद्धि में और नए रोजगार उत्पन करने में सहायता प्रदान होगी।
- वर्ष 2016-2020 की अवधि के लिए सरकार ने 6000 करोड़ का बजट परिव्यय किया और बाद में 4600 करोड़ रुपये 2026 तक के लिए आवंटित किए।
- प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना के तहत सरकार ने 20 लाख किसानो को लाभ प्रदान करने का लक्ष्य किया है।
- योजना के तहत राज्य सरकार के संगठन, संयुक्त उद्यम, पीएसयू, एसएचजी, एनजीओ, सहकारी समितियां, निजी क्षेत्र की कंपनियां, प्रोपराइटरशिप फर्म आदि जैसी संस्थाएं आवेदन के लिए पात्र है।
- खाद्य प्रसंस्करण यूनिट को स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना के दिशानिर्देश के अनुसार अनुदान दिया जाएगा।
- प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना के तहत आवेदक ऑनलाइन आवेदन कर सकते है।
- आवेदन पत्रों और सभी दस्तावेजों के सत्यापन के बाद प्राधिकरण द्वारा अनुदान की किश्त की स्वीकृति जारी कर दी जाएगी।
योजना के लाभ
- प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना के तहत मिलने वाले लाभ कुछ इस प्रकार से है :-
- खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए बुनियादी ढांचा तैयार किया जाएगा।
- कृषि से उपभोक्ता तक आपूर्ति प्रबंधन को आसान बनाने में सहायता मिलेगी।
- किसानो के उत्पाद को खराब होने से बचाना।
- किसानों की आय दोगुनी करना।
- रोजगार के अवसर उत्पन किये जाएगे।
- प्रसंस्करण स्तर को बढ़ाया जाएगा।
पात्रता
- प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना के अंतर्गत कई उपयोजनाएं शामिल है जिनकी पात्रता के विषय में नीचे विस्तार में वर्णन किया गया है:-
योजना का नाम Details Entities मेगा फूड पार्क - इस योजना के लिए आवेदक के पास कम से कम 50 एकड़ जमीन होनी चाहिए।
- एक जिले में केवल एक ही मेगा फूड पार्क होगा।
- सामान्य क्षेत्रों के लिए 50% और उत्तर पूर्व, पहाड़ी एवं दुर्गम क्षेत्रों के लिए 75% का अनुदान दिया जायगा।
इसे विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) के द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा , जिसकी कुल संपत्ति 50 करोड़ से कम नहीं होनी चाहिए। कोल्ड चेन - भंडारण अवसंरचना के लिए परियोजना की लागत का 35% सामान्य क्षेत्रों के लिए और 50% उत्तर पूर्व, पहाड़ी एवं दुर्गम क्षेत्रों को अनुदान दिया जाएगा।
- दूसरी तरफ खाद्य प्रसंस्करण अवसंरचना के लिए परियोजना की लागत का 50% सामान्य क्षेत्रों के लिए और 75% उत्तर पूर्व, पहाड़ी एवं दुर्गम क्षेत्रों को अनुदान दिया जाएगा।
- दोनों ही स्थिति में अधिकतम अनुदान 1 करोड़ रुपये का होगा।
- प्रवर्तकों की कुल संपत्ति मांगे गए अनुदान के 1.5 गुना से कम नहीं होनी चाहिए।
सरकारी संगठन, पीएसयू, संयुक्त उद्यम, गैर सरकारी संगठन, एसएचजी, सहकारी समितियां, एफपीओ, निजी कंपनियां, साझेदारी और स्वामित्व इस इकाई की स्थापना कर सकते हैं। खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों का निर्माण या विस्तार - जंहा पर कृषि क्लस्टर, और नामित फूड पार्क पहले से स्थित होगा वंहा इस यूनिट को स्थापित करने की स्वीकृति पहले दी जाएगी।
- सामान्य क्षेत्र के आवेदकों को कुल परियोजना लागत का 35% और पहाड़ी, पूर्वोत्तर और कठिन क्षेत्रों के आवेदकों को 50% का अनुदान दिया जाता है, जो 5 करोड़ से अधिक नहीं होना चाहिए।
- सामान्य क्षेत्रों के लिए न्यूनतम परियोजना की लागत 3 करोड़ और पूर्वोत्तर क्षेत्रों के लिए 1 करोड़ है।
केंद्र और राज्य के सार्वजनिक उपक्रम, संयुक्त उद्यम, एफपीओ, एनजीओ, सहकारी, एसएचजी, कॉर्पोरेट इकाई और प्रोपराइटरशिप फर्म इसकी स्थापना कर सकते हैं। कृषि-प्रसंस्करण क्लस्टरों के लिए बुनियादी ढाँचा - एक जिले के लिए केवल एक ही यूनिट को स्वीकृति मिलेगी।
- अगर उस जिले में मेगा फ़ूड पार्क पहले से ही स्थित है तो वहां पर कृषि-प्रसंस्करण क्लस्टर यूनिट की स्वीकृति नहीं मिलेगी।
- सामान्य क्षेत्रों के लिए 35% और उत्तर पूर्व, पहाड़ी एवं दुर्गम क्षेत्रों के लिए 50% का अनुदान दिया जाएगा।
- आवेदकों की कुल संपत्ति योजना के तहत सहायता अनुदान से कम नहीं होनी चाहिए।
- एससी/एसटी आवेदकों की कुल संपत्तिs यूनिट की संयुक्त निवल संपत्ति के 10% से कम नहीं होनी चाहिए।
- सरकारी संस्थानों के लिए निवल संपत्ति का कोई मापदंड नहीं है।
इसे सरकारी संगठन, पीएसयू, संयुक्त उद्यम, गैर सरकारी संगठन, एसएचजी, सहकारी समितियों, एफपीओ, निजी कंपनियों, साझेदारी और स्वामित्व द्वारा स्थापित किया जा सकता है। बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज का निर्माण - सामान्य क्षेत्र के आवेदकों को कुल परियोजना लागत का 35% और पहाड़ी, पूर्वोत्तर और कठिन क्षेत्रों के आवेदकों को 50% का अनुदान दिया जाता है, जो 5 करोड़ से अधिक नहीं होना चाहिए।
- खाद्य प्रसंस्करण यूनिट के मौजूदा प्रमोटर जिन्होंने MoPI अनुदान का लाभ नहीं लिया है।
- सहकारी उत्पादकों का समूह, एफपीओ, एसएचजी, एफपीसी, जो प्रसंस्करण यूनिट से जुड़े हुए हैं।
- प्रसंस्कृत खाद्य विक्रेता जो कृषि स्तर पर या खाद्य उत्पादकों के साथ जुड़े हुए है।
- और ऐसे उद्यमी जो खाद्य खुदरा मूल्य और प्रसंस्करण में रूचि रखते है।
केंद्रीय और राज्य पीएसयू, संयुक्त उद्यम, एफपीओ, एसएचजी, एनजीओ, सार्वजनिक और निजी कंपनियां, मालिकाना और साझेदारी फर्म, कॉर्पोरेट इकाई और सीमित देयता भागीदारी सेट अप के लिए आवेदन कर सकते हैं। ऑपरेशन ग्रीन्स - आवेदक की कुल संपत्ति मांगी गई सहायता के 1.5 गुना से कम नहीं होनी चाहिए।
- एक संस्था से केवल एक ही आवेदन स्वीकृत होगा।
राज्य कृषि और विपणन संघ, एफपीओ, सहकारी, एसएचजी, लॉजिस्टिक्स ऑपरेटर, सेवा प्रदाता, आपूर्ति श्रृंखला ऑपरेटर, कंपनियां, खुदरा और थोक श्रृंखलाएं, केंद्र और राज्य सरकार संस्थाएं, और खाद्य प्रोसेसर। खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता आश्वासन अवसंरचना - इसके तहत सामान्य क्षेत्र के आवेदक प्रयोगशाला के उपकरण के लिए 50% और पहाड़ी, पूर्वोत्तर और कठिन क्षेत्रों के आवेदकों को 70% अनुदान दिया जाएगा।
- सार्वजनिक क्षेत्रों और सरकारी क्षेत्रों को 100% अनुदान दिया जाएगा।
- सामान्य क्षेत्र के लिए तकनीकी सिविल कार्यों के लिए अनुदान 25% और उत्तर पूर्व, पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्र के लिए 33% है।
राज्य और केंद्र सरकार के संगठन, विश्वविद्यालय, डीम्ड विश्वविद्यालय और निजी क्षेत्र के संगठन इसके लिए पात्र हैं। मानव संसाधन और संस्थान - सरकारी संगठन और विश्वविद्यालयों को तीन साल की अवधि के लिए 100% अनुदान दिया जाता है।
- वंही दूसरी तरफ, निजी संगठन/विश्वविद्यालय/संस्थान को उपकरणों की लागत के लिए 50% अनुदान उनको जो सामान्य क्षेत्र से संबंध रखते है और पहाड़ी, पूर्वोत्तर और कठिन क्षेत्रों के आवेदकों को 70% अनुदान दिया जाएगा।
विश्वविद्यालय, आईआईटी, केंद्र और राज्य सरकार के संस्थान, सरकार द्वारा वित्त पोषित संगठन, अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला, निजी क्षेत्र में सीएसआईआर अनुसंधान एवं विकास इकाई इसके लिए पात्र हैं।
आवश्यक दस्तावेज
- प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना लिए आवेदन करने हेतु आवेदक के पास निम्नलिखित दस्तावेज होने आवयश्यक है:-
- विस्तृत परियोजना रिपोर्ट।
- सीए या वैधानिक प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया निवल मूल्य प्रमाणपत्र।
- बैंक से सावधि ऋण की स्वीकृति।
- अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक से जारी योजना मूल्यांकन नोट।
- पंजीकरण प्रमाणपत्र, पैन, टैन, एससी/एसटी प्रमाणपत्र।
- भूमि का स्वामित्व या पट्टे का विवरण।
- आवेदन शुल्क जमा करने का प्रमाण।
- आगे और पीछे के लिंकेज के लिए पत्राचार।
- प्रस्तावित परियोजना के लिए संयंत्र और मशीनरी उपकरण कोटेशन।
- बैंक खातों का विवरण।
- यदि मूल दस्तावेज़ क्षेत्रीय भाषा में हैं तो स्वप्रमाणित अनुवादित दस्तावेज़।
आवेदन की प्रक्रिया
- प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना के तहत आवेदन ऑनलाइन आवेदन पत्र के माध्यम से कर सकते है।
- प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से आवेदन ऑनलाइन आवेदन कर सकते है।
- जिसके लिए आवेदक को सबसे पहले ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर EOI पंजीकरण करना होगा।
- इस योजना के अंतर्गत कई योजनाएँ शामिल है।
- आवेदक जिस योजना के लिए आवेदन करना चाहता है, केवल उसी योजना का ड्रॉप डाउन से चयन करके पंजीकरण कर सकता है।
- आवेदक वर्तमान में केवल अनुसंधान एवं विकास योजना के लिए ही 'पंजीकरण 'कर सकते है।
- ड्रॉप डाउन से अनुसंधान एवं विकास योजना का चयन करने के बाद ये चयन करना है की आवेदक नीति आयोग के एनजीओ दर्पण पोर्टल से पंजीकृत है या फिर नहीं।
- यदि आवेदक एनजीओ दर्पण पोर्टल पर पंजीकृत है तो वह यूनिक-आईडी और पैन नंबर दर्ज करके आगे की पंजीकरण प्रक्रिया को पूर्ण कर सकते है।
- यदि आवेदक एनजीओ दर्पण पोर्टल पर पंजीकृत नहीं है तो उसे पंजीकरण पत्र में दिए गए सभी विवरण को भर कर पत्र को जमा करना है।
- पंजीकरण की प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात पोर्टल पर 'लॉगिन' करना है।
- लॉगिन के बाद आवेदन पत्र में पूछे गए सभी विवरण को भर कर और सभी दस्तावेज को सलंग्न करके आवेदन पत्र को जमा कर दे।
- मंत्रालय द्वारा सभी आवेदन पत्रों की जांच की जायगी और पात्र लाभार्थियों को अनुदान की प्रथम/द्वितीय एवं तृतीय किस्त की स्वीकृति जारी कर दी जाएगी।
महत्वपूर्ण लिंक
- प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना पंजीकरण।
- प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना लॉगिन।
- प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना वेबसाइट।
- खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय वेबसाइट।
सम्पर्क करने का विवरण
- प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना टोलफ्री नंबर:- 1800 1111 75
- प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना हेल्पलाइन नंबर:- 011-26406557
- प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना हेल्पडेस्क ईमेल:- support-fpi@nic.in
- कार्यालय का पता:- खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय
पंचशील भवन, अगस्त क्रांति मार्ग
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