दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के आवेदन ऑफलाइन माध्यम से कर सकते है।
योजना के बारे मे
उत्तराखण्ड सरकार द्वारा साल 2017 में राज्य के कृषको एवं स्वयं सहायता समूह के लिए लाभकारी योजना को लागु किया गया।
इस कल्याणकारी योजना का नाम है 'दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना'।
योजना के अंतर्गत राज्य के कृषक एवं स्वयं सहायता समूह के पात्र लाभार्थी को राज्य सरकार द्वारा ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा।
योजना का मुख्य उद्देश्य कृषको की आय को दोगुनी करना है, जिससे उनकी आजीविका में सुधार होगा और साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।
योजना के लागु होने से राज्य में स्वरोजगार के अवसर पैदा होंगे।
इतना ही नहीं इस योजना की मदद से पलायन कर चुके राज्य के युवाओ का रिवर्स माइग्रेशन करवाने में सहायता होगी।
योजना के अंतर्गत कृषि कार्य हेतु लाभार्थियों को एक लाख रूपए का ऋण उपलबध कराया जाएगा।
वही ऐसे लाभार्थी जो कृषियेत्तर कार्य हेतु संलिप्त है उन्हें तीन लाख का ऋण दिया जाएगा।
कृषियेत्तर कार्य में पशुपालन, दुग्ध, मुर्गी पालन, मत्स्य, मसाला, मशरुम, पुष्प उत्पादन, कृषि यंत्रीकरण, जैविक खेती, पॉली हाउस, बेमौसमी सब्जी इत्यादि शामिल है।
वही कृषि को बढ़ावा देने हेतु राज्य सरकार द्वारा कृषि से सम्बंधित स्वयं सहायता समूह को पांच लाख तक का ऋण उपलब्ध किया जाएगा।
दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना का लाभ सामान्य, लघु, एवं सीमांत क्षेत्र के कृषक उठा सकते है।
हालाँकि योजना का लाभ परिवार के एक सदस्य को ही प्राप्त होगा।
ऐसे कृषक जिनके पास कम से कम पांच एकड़ तक असिंचित भूमि अथवा ढाई एकड़ तक सिंचित भूमि होगी लघु कृषक कहलाएंगे।
वही सीमान्त कृषक से उन कृषक का तात्पर्य है जिनके पास ढाई एकड़ तक असिंचित भूमि अथवा सवा एकड़ तक सिंचित भूमि उपलब्ध हो।
योजना का लाभ लेने हेतु आवेदक का समिति का सदस्य होना या फिर जिला सहकारिता बैंक में बचत खाताधारक होना आवश्यक है।
योजना के सफल संचालन हेतु सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 के बजट में इसके लिए 85 करोड़ की धनराशि का प्रावधान रखा है।
ध्यान रहे की उक्त योजना का लाभ सरकार द्वारा आवंटित बजट सीमा तक ही उपलब्ध कराया जाएगा।
ऋण लेने के पश्चात व्यक्ति को प्रधानमंत्री फसल बिमा के तहत अल्पकालीन कृषि ऋणों के अंतर्गत फसल का बिमा करवाना अनिवार्य है।
दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के लिए आवेदन जिला सहकारी बैंक वा समिति के माध्यम से किया जा सकेगा।
ऋण स्वीकृत हो जाने पर आवेदक को अपना ऋण निर्धारित तिथि पर जमा करना आवश्यक है।
निर्धारित तिथि पर ऋण न जमा करने की अवस्था में व्यक्ति को योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा और उससे सामान्य ब्याज दर के हिसाब से ऋण वसूला जाएगा।
यदि किसी वर्ष कृषक को ऋण प्राप्त नहीं होता तो उसे अगले वर्ष पूर्व में भरे आवेदन के अंतर्गत यदि उसे आवश्यकता है तो ऋण प्रदान किया जाएगा।
योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ
उत्तराखण्ड दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत सरकार द्वारा निम्नलिखित लाभ प्रदान किये जाएंगे:-
कृषक सदस्यों एवं कृषि से जुड़े स्वयं सहायता समूह को ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा।
अल्पकालीन ऋण के रूप में एक लाख की राशि दी जाएगी।
मध्यकालीन ऋण के रूप में तीन लाख तक का ऋण दिया जाएगा।
एवं स्वयं सहायता समूह को पांच लाख तक का ऋण दिया जाएगा।
विवरण
ब्याज दर का प्रतिशत
वितरित ब्याज दर का अनुपात
प्राप्त ऋण पर किसानो द्वारा दिए जाने वाली ब्याज दर
नाबार्ड के माध्यम से
राज्य सरकार
अल्पकालीन ऋण
7%
3%
4%
0%
मध्यकालीन ऋण
11%
0%
11%
0%
स्वयं सहायता समूह
11%
0%
11%
0%
पात्रता
उत्तराखंड दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के आवेदन हेतु पात्रता निम्नानुसार होगी: -
सामान्य, लघु, सीमान्त, कृषक।
गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे कृषक एवं उनके परिवार के सदस्य।
स्वयं सहायता समूह।
ऐसा व्यक्ति जो सहकारी समिति का सदस्य हो या फिर उसका खाता जिला सहकारी बैंक में होना अनिवार्य है।
परिवार का एक सदस्य ही योजना के लिए पात्र होगा।
लाभ लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज
उत्तराखण्ड दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के आवेदन हेतु आवेदक को निम्न दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे: -
आधार कार्ड।
निवास प्रमाण पत्र।
स्वयं सहायता समूह सम्बंधित दस्तावेज (यदि लागु हो)
आय प्रमाण पत्र।
पैन कार्ड।
कार्य योजना सम्बंधित दस्तावेज।
जिला सहकारी बैंक खाते सम्बंधित दस्तावेज।
जमीन सम्बंधित प्रमाण पत्र।
खाता खतौनी।
किसान कार्ड।
अन्य बैंक से लिया ऋण की जानकारी।
मोबाइल नंबर।
पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ।
एवं बैंक द्वारा निर्देशित अन्य दस्तावेज।
आवेदन की प्रक्रिया
आवेदक उत्तराखण्ड दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के आवेदन ऑफलाइन माध्यम से जमा कर सकते है।
आवेदन हेतु लाभार्थी का जिला सहकारिता का सदस्य या फिर जिला सहकारिता बैंक में बचत खाताधारक का होना आवश्यक है।
सर्वप्रथम आवेदक को जिला सहकारी बैंक से आवेदन पत्र प्राप्त करना होगा।
प्राप्त आवेदन पत्र में विवरण को सही ढंग से भरे।
कार्य योजना, वार्षिक आय, किसी अन्य बैंक से ऋण लेने की जानकारी, चल अचल संपत्ति की जानकारी सही ढंग से दर्ज करे।
दिए गए स्थान पर अपना नवीनतम फोटो चस्पा करे।
आवेदन पत्र के साथ जरूरी दस्तावेजों की सूची को संलग्न करे।
इसके पश्चात पूर्ण रूप आवेदन पत्र को जिला सहकारिता बैंक में जमा कर दे।
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