हिट-एंड-रन मोटर दुर्घटना पीड़ितों को मुआवजा योजना।

द्वारा प्रस्तुत shahrukh on Thu, 02/05/2024 - 13:14
केन्द्रीय सरकार CM
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हाइलाइट
  • हिट-एंड-रन मोटर दुर्घटना योजना के तहत पीड़ितों को निम्नलिखित मुआवजा दिया जाएगा:-
    • मृत्यु के मामले में 2,00,000/- रुपये प्रदान किये जाएगे।
    • गंभीर चोट के मामले में 50,000/- रुपये प्रदान किये जाएगे।
योजना का अवलोकन
योजना का नाम हिट एंड रन मोटर दुर्घटना योजना।
आरम्भ तिथि 1 अप्रैल 2022
योजना का प्रकार मोटर वाहन दुर्घटना पीड़ितों को नकद सहायता।
उद्देश्य हिट-एंड-रन दुर्धटना के कारण यदि पीड़ित की मृत्यु या फिर गंभीर चोट/चोट की स्थिति हो जाती है तो आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
लाभ
  • पीड़ित की मृत्यु होने पर 2,00,000/- रुपये की आर्थिक सहायता।
  • पीड़ित को गंभीर चोट या फिर चोट की स्तिथि में 50,000/- रुपये की आर्थिक सहायता।
नोडल मंत्रालय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय।
सब्सक्रिप्शन योजना की निरंतर जानकारी के लिए योजना को सब्सक्राइब करे।
आवेदन का तरीका आवेदन पत्र के माध्यम से।

योजना के बारे मे

  • सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा "हिट-एंड-रन वाहन दुर्घटना पीड़ितों को मुआवजा योजना" को वर्ष 2022 में शुरू किया गया था।
  • योजना का मुख्य उद्देश्य हिट-एंड-रन वाहन दुर्घटना पीड़ितों की मृत्यु या फिर गंभीर चोट/चोट की स्थिति में उनको आर्थिक सहायता प्रदान करना है।
  • यह योजना सोलेटियम योजना, 1989 के स्थान पर चलाई जाएगी।
  • सोलेटियम योजना, 1989 के तहत हिट एंड रन दुर्घटना पीड़ितों को मृत्यु के मामले में 50,000/- रुपये और गंभीर चोट/चोट की स्थिति में 12,500/- रुपये का मुआवजा दिया जाता था।
  • लेकिन हिट एंड रन मोटर योजना, 2022 के तहत सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इस राशि को बढाकर मृत्यु के मामले में 2,00,000/- रुपये और गंभीर चोट/चोट की स्थिति में 50,000/- रुपये कर दिया है।
  • पुरानी मुआवजा योजना और नई मुआवजा योजना के बीच तुलना नीचे टेबल के माध्यम से बताई गयी है:-
     मामला सोलेटियम योजना, 1989 के तहत आर्थिक
    सहायता की पुरानी राशि
    हिट एंड रन के पीड़ितों को मुआवजा मोटर दुर्घटना योजना, 2022
    के अंतर्गत वित्तय सहायता की नई राशि
    मृत्यु 50,000/- रुपये 2,00,000/- रुपये
    गंभीर चोट 12,500/- रुपये 50,000/- रुपये
  • ज़्यदातर लोगो को केंद्र की इस मुआवजा के बारे में पता ही नहीं है।
  • मोटर वाहन अधिनियम की धारा 161 में हिट एंड रन मोटर दुर्घटना के मामले में मुआवजे का विशेष प्रावधान है।
  • सुप्रीम कोर्ट ने इस योजना के तहत दावों के बहुत कम भुगतान को देखते हुए कहा है कि यदि कोई दुर्घटना हो तो उस समय पुलिस अधिकारियों का यह कर्तव्य है कि वे लोगों को इस मुआवजा योजना के बारे में बताये।
  • हिट एंड रन दुर्घटना मामले में पीड़ित या उनके कानूनी प्रतिनिधि इस मुआवजा योजना के तहत आवेदन कर सकते है।
  • दावा जांच अधिकारी प्राप्त दावा आवेदनों के सत्यापन के बाद उन्हें वित्तीय सहायता के वितरण के लिए दावा जांच आयुक्त को भेज देंगे।

योजना के अंतगर्त मिलने वाले लाभ

  • भारत सरकार मोटर वाहन अधिनियम की धारा 161 के तहत हिट एंड रन दुर्घटना के पीड़ितों को निम्नलिखित लाभ प्रदान करेगी:-
    • हिट-एंड-रन दुर्धटना के कारण यदि पीड़ित की मृत्यु या फिर गंभीर चोट/चोट की स्थिति हो जाती है तो आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
    • मृत्यु के मामले में 2,00,000/- रुपये प्रदान किये जाएगे।
    • गंभीर चोट के मामले में 50,000/- रुपये प्रदान किये जाएगे।

मुआवज़े का दावा करने की प्रक्रिया

  • आवेदक को केंद्र सरकार की हिट एंड रन मोटर दुर्घटना योजना के तहत मुआवजे का दवा करने के लिए फॉर्म I को भर कर जमा करना होगा।
  • जिस अस्पताल से कैशलेस उपचार कराया है उसके दावे की प्रति के साथ आवेदन पत्र संलग्न किया जाएगा।
  • फॉर्म IV में उल्लिखित वचनपत्र को आवेदन पत्र के साथ संलग्न किया जाएगा।
  • फॉर्म I में कोई भी प्रासंगिक दस्तावेज आवेदन पत्र के साथ संलग्न करना अनिवार्य है।
  • इसके बाद आवेदन पत्र को उप-मंडल या तालुका के दवा जाँच अधिकारी को जमा कर दिया जाएगा।
  • उसके बाद दवा जाँच अधिकारी आवेदन पत्र और सभी दस्तावेजों की जाँच करेंगे और यह तय करेंगे की मुआवजे का दवा सच है या नहीं।
  • जाँच अधिकारी को जल्द से जल्द दावा निपटान आयुक्त को प्रस्तुत करेंगे।
  • यदि जाँच अधिकारी द्वारा दवा सही माना गया तो 15 दिनों के अंदर लाभार्थी के खाते में मुआवजे की राशि प्रदान कर दी जाएगी।

दावा जांच अधिकारी द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया

  • हिट एंड रन मोटर दुर्घटना योजना आवेदन पत्र की जांच दावा जांच अधिकारी द्वारा की जाएगी।
  • दावा जांच अधिकारी सबसे पहले दुर्घटना रिपोर्ट और यदि मृत्यु का मामला है तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट देखते है।
  • यदि एक से ज़्यादा दावेदार है तो दावा जांच अधिकारी द्वारा सही दावेदार का चयन किया जाएगा।
  • आवेदन पत्र के प्राप्त होने की तिथि से एक महीने के अंदर दावा जांच अधिकारी को अपनी रिपोर्ट दावा निपटान आयुक्त को प्रस्तुत करनी होगी।
  • यदि दावा निपटान आयुक्त से रिपोर्ट दुबारा जांच के लिए भेजी जाती है तो 15 दिनों के भीतर उसे जांच करके दुबारा दावा निपटान आयुक्त को भेजा जाएगा।

दावे की मंजूरी

  • दावा जाँच अधिकारी द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट को प्राप्त करने के बाद दावा निपटान आयुक्त ये तय करेंगे की हिट एंड रन मोटर दुर्घटना योजना के तहत दावा दिया जाएगा या फिर नहीं।
  • दावा निपटान आयुक्त को रिपोर्ट प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर जल्द से जल्द स्वीकृति देनी होती है।
  • दावा निपटान आयुक्त पीड़ित के इलाज के लिए अस्पताल द्वारा जो भी खर्च उठाया गया है, उसमे कटौती करने का अधिकार रखते है।
  • यदि अस्पताल द्वारा दावा की गई राशि योजना में निर्धारित मुआवजा राशि से अधिक है, तो उस स्थिति में मृतक के दावेदार या कानूनी प्रतिनिधि को कोई राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा।
  • यदि दावा निपटान आयुक्त को रिपोर्ट को लेकर कोई भी संदेह है तो रिपोर्ट को वापस जांच के लिए दावा जाँच अधिकारी के पास भेजा जाएगा।
  • यदि दावा सही पाया जाता है तो दावा निपटान आयुक्त मुआवजे की राशि को मंजूरी देकर मंजूरी आदेश अंतिम वितरण के लिए जनरल इंश्योरेंस काउंसिल को भेज देता है।

मुआवजे का भुगतान

  • हिट एंड रन मोटर दुर्घटना योजना के तहत दावे की स्वीकृति के बाद मुआवजे की राशि लाभर्थी के बैंक कहते में स्थानांतरण कर दी जाएगी।
  • मृत्यु के मामले में 2,00,000/- रुपये मुआवजे की राशि पीड़ित के कानूनी प्रतिनिधि के बैंक खाते में प्रदान कर दी जाएगी।
  • गंभीर चोट के मामले में 50,000/- रुपये मुआवजे की राशि सीधा पीड़ित के बैंक खाते में स्थानांतरण कर दी जाएगी।
  • जनरल इंश्योरेंस काउंसिल ई-भुगतान माध्यम से मृतक के दावेदार या कानूनी प्रतिनिधि द्वारा दिए गए बैंक खाते में मुआवजे की राशि प्रदान करेंगे।
  • स्वीकृति मिलने के बाद 15 दिनों के भीतर भुगतान करना अनिवार्य है।
  • यदि किसी भी कारणवश भुगतान करने में देरी हुई है तो दावा निपटान आयुक्त को लिखित में कारण दर्ज करना होगा।

योजना की मुख्य विशेषताएं

  • मोटर वाहन दुर्घटना कोष से मुआवजा राशि प्रबंधित की जाएगी जो मोटर वाहन अधिनियम की धारा 161 के तहत गठित है।
  • मोटर वाहन दुर्घटना कोष में निम्नलिखित शामिल हैं:-
    • बीमित वाहन का खाता।
    • असुरक्षित वाहनों का खाता।
  • केंद्र स्तर पर स्थायी समिति द्वारा योजना की निगरानी, समीक्षा और प्रबंधन किया जाता है।
  • योजना के अंतर्गत एक जिला स्तरीय समिति स्थापित की गई है जो निगरानी करने, सुधार कार्यवाही करने, और योजना की प्रगति का मूल्यांकन करने के लिए है।
  • मुआवजा स्वीकृति आदेश के 15 दिनों के अंदर मुआवजे का भुगतान करना अनिवार्य है।

महत्वपूर्ण प्रपत्र

महत्वपूर्ण लिंक

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