उत्तराखण्ड पिरूल लाओ-पैसे पाओ योजना

द्वारा प्रस्तुत pradeep on Sat, 11/05/2024 - 17:51
उत्तराखण्ड CM
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हाइलाइट
  • उत्तराखण्ड पिरूल लाओ-पैसे पाओ योजना के अंतर्गत निम्न लाभ प्राप्त होंगे: -
    • पिरूल एकत्र करने वालो से सरकार 50 रूपए के दर से पिरूल खरीदेगी।
    • जंगल से पिरूल की मात्रा ख़त्म होने पर जंगल में लगने वाली आग को कम करने में मदद मिलेगी।
ग्राहक देखभाल फ़ोन नंबर
  • उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड संपर्क सूत्र: 0135-2976157
  • उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हेल्पडेस्क: msukpcb@yahoo.com
योजना का अवलोकन
योजना का नाम उत्तराखण्ड पिरूल लाओ-पैसे पाओ योजना
आरंभ वर्ष 2024
लाभ पिरूल 50 रूपए प्रति किलो की दर से खरीदी जाएगी।
लाभार्थी राज्य के निवासी।
नोडल विभाग प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उत्तराखण्ड।
सब्सक्रिप्शन योजना की निरंतर जानकारी के लिए यहाँ सब्सक्राइब करे।
आवेदन का तरीका पिरूल लाओ पैसे-पाओ मिशन के लिए आवेदन की आवश्यकता नहीं है।

योजना के बारे मे

  • अप्रैल मई की गर्मी के आगमन पर उत्तराखण्ड के जंगलो में आग लगना मानो हर वर्ष की एक सामान्य सी बात हो गई है।
  • हर वर्ष यह देखने और सुनने को मिल जाता है की गढ़वाल और कुमाऊं के जंगलो में भयानक आग लगी है।
  • इस सम्बन्ध में सरकार द्वारा कई कार्य किये गए लेकिन इस वनाग्नि को कम करने में नाकाफी रहे।
  • उत्तराखंड के जंगलो में लगनी वाली यह आग आमतौर पर चीड़ के पेड़ से गिरने वालो सूखे पत्तो में लगती है।
  • पिरूल कहे जाने वाले ये चीड़ के पत्ते जंगल में भरी मात्रा में गिरे रहते है जो की अत्यंत ही ज्वलन शील होते है।
  • अत्यधिक गर्मी या फिर हलकी सी चिंगारी भर से यह पत्ते आग पकड़ लेते है।
  • छोटी सी चिंगारी से लगी यह आग देखते ही देखते भयानक रूप लेकर पूरे जंगल में फेल जाती है।
  • इस आग के कारण राज्य के पर्यावरण को भरी मात्रा में नुक्सान हुआ है।
  • इसके साथ ही सरकारी संपत्ति, वन्य जीव एवं वनस्पति, और कई अन्य दुष्परिणाम देखने को मिलते है।
  • अंग्रेजो द्वारा गढ़वाल और कुमाऊं के क्षेत्रों में भारी संख्या में लगाए गए चीड़ के ये पेड़ आग लगने का मुख्य कारण है।
  • सरकारी आंकड़ों के अनुसार हर वर्ष 1.8 मिलियन टन पिरूल हर साल पैदा होता है।
  • सरकार द्वारा इन पत्तो को व्यवस्थित करने हेतु कुछ काम भी किये है, जिससे की इन पिरूल में लगने वाली आग को रोका जा सके।
  • हाल ही में उत्तरकाशी में लगे 25 किलोवाट बिजली संयंत्र के संचालन हेतु इन पिरूल का उपयोग कच्चे माल के रूप में किया जाने लगा।
  • जिसके लिए सरकार लोगो से तीन रूपए प्रति किलो की दर से इन पिरूल को खरीदती थी।
  • हालाँकि इन पिरूल को सरकार के दरवाजे तक पहुंचने के लिए ये मूल्य नाकाफी निकला।
  • अतः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने वर्ष 2024 में धधकते जंगलो के बाद एक नए मिशन को लागु करने का निर्णय लिया।
  • इस मिशन का नाम है 'पिरूल लाओ-पैसे पाओ'।
  • इस योजना के अंतर्गत सरकार पिरूल एकत्र करके लाने वालो को तीन की जगह 50 रूपए प्रति किलो की दर से भुगतान करेगी।
  • इसके लिए सरकार द्वारा गांव की पंचायत क्षेत्र में पिरूल संग्रह केंद्र भी खोले जाएंगे।
  • कोई भी व्यक्ति जंगल से इन पिरूल को एकत्रित करके अपने नजदीकी पिरूल संग्रह केंद्र में जमा करवा सकता है।
  • उनके द्वारा जमा की गई पिरूल के भार अनुरूप 50 रूपए प्रति किलो के हिसाब से पैसे दिए जाएंगे।
  • पिरूल लाओ पैसे पाओ योजना के तहत मिलने वाले यह रूपए व्यक्ति के बैंक अकाउंट में जमा कर दिए जाएंगे।
  • इन एकत्र किये गए पिरूल को सरकार पैक करके काम में आने वाले उद्योगों को बेचेगी।
  • मुख्यता पिरूल का उपयोग गोशाला में जानवरो के लिए बिस्तर बनाने, गोबर के साथ मिश्रित करके उर्वरक बनाने और पैकजिंग जैसे कार्य में किया जाता है।
  • पिरूल लाओ पैसे पाओ मिशन को सफल बनाने हेतु सरकार द्वारा इस योजना के लिए 50 करोड़ की राशि का कार्पस फण्ड बनाया गया है।
  • इतना ही नहीं पिरूल लाओ-पैसे पाओ योजना के सफल संचालन का जिम्मा राज्य के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सौंपा गया है।

योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ

  • उत्तराखण्ड पिरूल लाओ-पैसे पाओ योजना के अंतर्गत निम्न लाभ प्राप्त होंगे: -
    • पिरूल एकत्र करने वालो से सरकार 50 रूपए के हिसाब से पिरूल खरीदेगी।
    • जंगल से पिरूल की मात्रा ख़त्म होने पर जंगल में लगने वाली आग को कम करने में मदद मिलेगी।

पात्रता

  • उत्तराखंड मुख्यमंत्री पिरूल लाओ पैसे पाओ योजना में भाग लेने हेतु सरकार द्वारा कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किये गए। हालाँकि योजना सम्पूर्ण उत्तराखण्ड वासियो के लिए है, जिसमे प्रत्येक व्यक्ति योजना में अपनी भागीदारी दे सकता है।

उत्तराखण्ड पिरूल लाओ-पैसे पाओ योजना

लाभ लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज

  • उत्तराखण्ड मुख्यमंत्री द्वारा जारी पिरूल लाओ-पैसे पाओ मिशन का हिस्सा बनने हेतु आवेदकों को निम्न दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे: -
    • आधार कार्ड।
    • बैंक दस्तावेज।
    • निवास प्रमाण पत्र।
    • फोटोग्राफ।
    • मोबाइल नंबर।
    • एवं मिशन अनुरूप अन्य दस्तावेज।

आवेदन की प्रक्रिया

  • पिरूल लाओ-पैसे पाओ योजना सरकार द्वारा एक नवीनतम योजना है।
  • सरकार द्वारा इस मिशन को जारी करते समय योजना के लिए कोई जरूर दिशा निर्देश जारी नहीं किया है।
  • अतः योजना के आवेदन का माध्यम सरकार द्वारा जारी नहीं किया गया है।
  • हालाँकि योजना में भाग लेने के लिए आप अपने नजदीकी पंचायत या फिर आपके नजदीक स्थित पिरूल कलेक्शन सेंटर से कर सकते है।
  • योजना के अंतर्गत व्यक्ति जंगल से पिरूल को एकत्रित करके उसे इन पिरूल संग्रहण केंद्र में लाएंगे।
  • पिरूल का वजन करने के बाद व्यक्ति को उन्हें अपनी जानकारी साझा करनी होगी।
  • इसमें उन्हें कुछ दस्तावेज भी प्रस्तुत करने को कहा जा सकता है।
  • इन सब प्रक्रिया के बाद सरकार द्वारा निर्देशित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इन व्यक्तियों के खाते में प्राप्त पिरूल के वजन अनुसार राशि उनके खाते में जमा कर देंगे।

महत्वपूर्ण लिंक

सम्पर्क करने का विवरण

  • उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड संपर्क सूत्र: 0135-2976157
  • उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हेल्पडेस्क: msukpcb@yahoo.com
  • उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
    गौरा देवी भवन, 46 बी आईटी पार्क सहस्त्रधारा,
    देहरादून, उत्तराखंड
लाभार्थी व्यक्ति का प्रकार सरकार

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