मध्य प्रदेश अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना

Submitted by shahrukh on Mon, 07/03/2022 - 18:12
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Customer Care

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मध्य प्रदेश अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना - Logo

मध्य प्रदेश अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना अपराध पीड़ितों या उनके आश्रितों को जिन्हें अपराध के परिणाम स्वरुप हानि या क्षति कारित हुई है और जिन्हें पुनर्वास की आवश्यकता है , उनके प्रतिकर के लिए निधियां एवं प्रतिकर की मात्रा का विनिश्चय करने के लिए बनाई गई है।

प्रतिकर प्राप्त करने की पात्रता

पीड़ित अथवा उसका आश्रित इस योजना के अधीन प्रतिकर प्राप्त कर सकता है। इस योजना में पीड़ित व्यक्ति वह है जिसे अभियुक्त के आपराधिक कृत्य या लोप से कोई हानि/क्षति कारित हुई हो। इसमें पीड़ित वयक्ति का संरक्षक या विधिक वारिस भी सम्मिलित है। जैसे पीड़ित की पत्नी , पति , माता, पिता , अविवाहित पुत्री , अवयस्क बच्चे सम्मिलित हैं , जो सक्षम प्राधिकारी द्वारा आश्रित प्रमाण पत्र प्राप्त हों।

किन मामलों में प्रतिकर प्राप्त कर सकते हैं

  • द.प्र.सं की धारा 357 -क की उपधारा (2) अथवा (3) के अधीन न्यायलय द्वारा की गई सिफारिश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अथवा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण प्रतिकर की राशि का निर्धारण करेगा।
  • जहाँ की विचरण न्यायलय विचरण की समाप्ति पर कोई सिफारिश करता है , जबकि इस बात का समाधान हो जाता है की संहिता की धारा 357 के अधीन प्रदान किया गया प्रतिकर ऐसे पुनर्वास के लिए पर्याप्त नहीं है अथवा जहाँ की मामले में दोषमुक्ति या उन्मोचन हो जाता है और पीड़ित का पुनर्वास किया जाता है।
  • जहाँ के अपराधी को खोजै या है परन्तु पीड़ित की पहचान की गई है और जहाँ कोई विचरण महीन होता है अथवा विचरण न्यायलय द्वारा पीड़ित को प्रतिकर अदाएगी के बारे में कोई आदेश नहीं दिया गया हो और वहां पीड़ित या उसका आश्रित जिला प्राधिकरण को आवेदन कर सकता है।
  • वह अपराध जिसके कारण योजना के अधीन प्रतिकर का भुगतान किया जाता है , वह राज्य के भीतर घटित हुआ हो या राज्य के भीतर घटना शुरुआत हुई हो या राज्य के बाहर अपराध घटित हुआ हो किन्तु पीड़ित राज्य के अंदर पाया गया हो।

प्रतिकर प्रदान कैसे प्राप्त करें ?

  1. दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 357 (क)(4) के अधीन आवेदन पर न्यायलय की सिफारिश प्राप्त होने पर जिला प्राधिकरण अथवा राज्य प्राधिकरण 2 माह के भीतर जांच पूर्ण करके पर्याप्त प्रतिकर प्रदान करेगा।
  2. जिला प्राधिकरण सक्षम अधिकारी के प्रमाण पत्र पर तत्काल प्राथमिक उपचार सुविधा या चिकित्सा लाभों को निशुल्क उपलब्ध कराये जाने के लिए या अंतरिम अनुतोष का आदेश दे सकेगा।
  3. जिला प्राधिकरण अनुशंसा प्राप्ति के 60 दिन के अंदर संहित के द्वारा 357-क की उपधारा (2)तथा (3)के अधीन प्रतिकर की मात्रा विनिश्चित करेगा।
  4. प्रतिकर की राशि जिला प्राधिकरण द्वारा योजना से संलग्न अनुसूची में दिए गए मापदंडों के आधार पर विनिश्चित की जाएगी।
  5. बलात्संग वाइडर की पीड़ित को प्रतिकर के मामले में सम्बंधित ज़िले के परिवीक्षा को प्रभावी पुनर्वास तथा सतत मूल्यांकन के लिए सूचित किया जायेगा।
  6. योजना विनिश्चित प्रतिकर की रकम पीड़ित प्रतिकर निधि से पीड़ित या उसके आश्रित को संवितरित की जाएगी।

ज़रूरी सूचना

  • पीड़ित पक्षकार की समग्र स्त्रोतों से वार्षिक आय 5 लाख रूपये से अधिक होने पर प्रतिकर अनुसूची वक में दी गई समस्त शीर्षों में प्रतिकर राशि 50 % देय होगी।
  • प्रतिकर का संवितरण बैंक कहते से जुड़े आधार के माध्यम से किया जायेगा।
  • अम्ल हमले के मामले पीड़ित को ऐसी घटना होने के 15 दिन के अंदर 1 लाख रूपये प्रदान किये जायेंगे।
  • प्रार्थी द्वारा आश्रित होने का प्रमाण पत्र सम्बंधित तहसीलदार या सक्षम प्राधिकारी आवेदन पत्र जमा करने के 15 दिन के अन्दर जारी करेगा।
  • पीड़ित अथवा आश्रित द्वारा धारा 357 ए के अधीन किया गया कोई भी दावा अपराध घटित होने के 180 दिन की अवधि के बाद ग्रहण नहीं किया जायेगा। परन्तु जिला प्राधिकरण लिखित कारणों के समाधान होने पर उक्त देरी को मांग कर सकेगा।

प्रतिकर आदेश के विरूद्ध अपील

  • कोई पीड़ित / आश्रित जिला प्राधिकरण के आदेश के 90 दिन के अन्दर राज्य प्राधिकरण के समक्ष अपील फाइल कर सकेगा।
  • राज्य प्राधिकरण के विनिश्चय के विरूद्ध अपील , सरकार के ग्रह विभाग को कर सकेगा हुए द्वितीय अपील प्राधिकारी का विनिश्चय अंतिम होगा।
  • परन्तु यदि राज्य प्राधिकरण / सरकार का समाधान हो गया है तो वह लिखित में अभिलिखित किये जाने वाले पर्याप्त कारणों से अपील फाइल करने में हुए विलम्ब के लिए माफ़ी दे सकेगी।

अनुसूची

पीड़ित को क्षति / हानि पर प्रतिकर राशि
पीड़ित पक्षकार की समग्र से वार्षिक आय 5 लाख रूपये से अधिक होने पर प्रतिकर राशि 50% देय होगी।

स.क्र. हानि या क्षति का विवरण प्रतिकर की अधिकतम सीमा
1 (क) जीवन की हानि (मृत्यु) क. आय अर्जित करने वाले की मृत्यु की दशा में अधिकतम 4 लाख रूपये तक
  ख. आय अर्जित न करने वाले की मृत्यु की दशा में अधिकतम 2 लाख रूपये तक
  (ख) भ्रूण की हानि या क्षति   50 हज़ार रूपये तथा शासकीय चिकित्सालय में निशुल्क इलाज
2 शरीर में 100 % स्थायी निःशक्तता होने पर। क. जहाँ पीड़ित आय अर्जित करता हो। अधिकतम 3 लाख रूपये शासकीय चिकित्सालय में निःशुल्क इलाज
  ख जहाँ पीड़ित कोई आय अर्जित न करता हो। अधिकतम 1.50 लाख तक (शासकीय चिकित्सालय में निःशुल्क इलाज )
3 शरीर में स्थाई निःशक्तता 40% से अधिक होने पर। क. जहाँ पीड़ित आय अर्जित करता हो। अधिकतम 2 लाख रूपये शासकीय चिकित्सालय में निःशुल्क इलाज
  ख जहाँ पीड़ित कोई आय अर्जित न करता हो। अधिकतम 1 लाख तक (शासकीय चिकित्सालय में निःशुल्क इलाज )
4 क. महिला की प्रजनन क्षमता की स्थाई क्षति (बलात्कार को छोड़कर अन्य अपराध में )   अधिकतम 1.50 लाख तक (शासकीय चिकित्सालय में निःशुल्क इलाज )
  ख शरीर के महत्वपूर्ण भाग पर गंभीर चोट अथवा शल्य क्रिया क. जहाँ पीड़ित आय अर्जित करता हो। अधिकतम 50 हज़ार तक (शासकीय चिकित्सालय में निःशुल्क इलाज )
  ख जहाँ पीड़ित कोई आय अर्जित न करता हो। अधिकतम 25 हज़ार तक (शासकीय चिकित्सालय में निःशुल्क इलाज )
5 (क)सामूहिक बलात्कार   अधिकतम 3 लाख रूपये तथा शासकीय चिकित्सालय में निःशुल्क इलाज
  (ख) अवयस्क बच्चों के साथ लैंगिक अपराध   अधिकतम 2 लाख रूपये तथा शासकीय चिकित्सालय में निःशुल्क इलाज
6 (क) एसिड अटैक से कुरूपता 40 % से अधिक होने पर   अधिकतम 3 लाख तक जिसमे 1 लाख रूपये सूचना दिनांक के 15 दिन के अन्दर एवं शेष राशि 2 लाख रूपये 2 महीने के अन्दर और शासकीय चिकित्सालय में निःशुल्क इलाज।
  (ख) एसिड अटैक से कुरूपता 40 % से कम होने पर   अधिकतम 1.50 लाख तक जिसमे 50 हज़ार रूपये सूचना दिनांक के 15 दिन के अन्दर एवं शेष राशि 1 लाख रूपये 2 महीने के अन्दर और शासकीय चिकित्सालय में निःशुल्क इलाज।


संपर्क विवरण (अधिक जानकारी के लिए )

  • उच्च न्यायलय स्तर पर -
    • मध्य प्रदेश उच्च न्यायलय विधिक सेवा समिति,
    • उप समिति जबलपुर,
    • ग्वालियर एवं इंदौर के सचिव अथवा वहां के जिला विधिक सहायता अधिकारी से।
  • जिला स्तर पर -
    • जिला न्यायाधीश एवं
    • अध्यक्ष / सचिव ,
    • जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ,
    • अथवा जिला विधिक सहायता अधिकारी से।
  • तहसील स्तर पर -
    • दीवानी न्यायलय के वरिष्ठतम न्यायाधीश
    • एवं अध्यक्ष ,
    • तहसील विधिक सेवा समिति से।
  • सदस्य सचिव , मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण , जबलपुर से।

 

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