ग्रामीण भण्डारण योजना

Submitted by Rishabh on Sat, 25/02/2023 - 12:05
केन्द्रीय सरकार CM
Scheme Permanently Closed
Highlights
  • अपर्याप्त भण्डारण समस्या को देखते हुए राष्ट्रीय कृषि और सहकारिता विभाग द्वारा ग्रामीण भण्डारण योजना की शुरुआत सन 2001 में हुयी थी।
  • ग्रामीण भण्डारण योजना के अन्त्रगत किसानो को भण्डारण की सुविधा का निर्माण करने के लिए सब्सिडी प्राप्त कराई जायेगी।
  • व्यक्तियों, किसानों, किसान/उत्पादक का समूह, भागीदारी/स्वामित्व फर्म, गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ), स्वयं सहायता समूह
    (एसएचजी), कंपनियां, निगम, सहकारी समितियां इस योजना का लाभ उठा सकती हैं।
  • सब्सिडी के लिए पात्र बनने के लिए गोदाम की क्षमता 100 से लेकर 1000 टन तक होनी चाहिए।

ग्रामीण भण्डारण योजना

योजना का अवलोकन
योजना का नाम ग्रामीण भण्डारण योजना ।
में प्रारंभ 2001
फ़ायदे भण्डारण की सुविधा का निर्माण करने के लिए सब्सिडी ।
लाभार्थियों व्यक्तियों, किसानों, किसान/उत्पादक का समूह , भागीदारी/स्वामित्व फर्म, गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ), स्वयं सहायता समूह (एसएचजी), कंपनियां, निगम, सहकारी समितियां ।
नोडल मंत्रालय राष्ट्रीय कृषि और सहकारिता विभाग ।
आवेदन का तरीका ऑफलाइन

योजना के बारे में

  • हमारे देश में छोटे किसानो को अपनी फसलों का सही दाम नहीं मिल पता हैं जिसके कारणवश उन्हें अपनी फसलों को सस्ते दामों पर ही बेचना पड़ता हैं। इस समस्या का सबसे बड़ा कारण अपर्याप्त भण्डारण हैं।
  • अपर्याप्त भण्डारण के कारण फैसले ख़राब होने लगती हैं जिसके कारणवष किसानो को अपनी फसलों को सामान्य दामों से काम कीमत पर बेचना पड़ता हैं।
  • इसी समस्या को देखते हुए राष्ट्रीय कृषि और सहकारिता विभाग द्वारा ग्रामीण भण्डारण योजना की शुरुआत सन 2001 में हुयी थी।
  • यह योजना छोटे किसानो को अपनी फसलों को जमा करने में और उनको सामान्य दामों पर बेचने में सक्षम बना देगी।
  • ग्रामीण भण्डारण योजना के अन्त्रगत किसानो को भण्डारण की सुविधा का निर्माण करने के लिए सब्सिडी प्राप्त कराई जायेगी।
  • सब्सिडी के लिए पात्र बनने के लिए गोदाम की क्षमता 100 से लेकर 1000 टन तक होनी चाहिए।

योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ

  • एक तियहि परियोजना की पूंजी लागत सब्सिडी के तौर में अगर परियोजना उत्तर पूर्वी राज्य और पहाड़ी क्षेत्र में स्तिथ हैं या परियोजना महिला किसानो/ स्वयं सहायता समूह / सहकारिता और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति उद्यमी और उनके स्वयं सहायता समूह / सहकारी समितियाँ से सम्भंदित हैं। यह सब्सिडी की अधिकतम सीमा 62 लाख 50 हजार हैं।
  • सभी वर्गों के किसानो के लिए (महिला किसानो के अलावा) परियोजना की पूंजी लागत का 25 प्रतीशत सब्सिडी के तौर में प्रदान किया जाएगा।
  • अन्य वर्गों के किसानो के लिए परियोजना की पूंजी लगात का 15 प्रतिशत सब्सिडी के तौर में प्रदान किया जाएगा। यह सब्सिडी की अधिकतम सीमा 28 लाख 12 हज़ार हैं।
  • राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम की सहायता से सहकारी समितियों के गोदाम के नवीकरण के लिए पूंजी लागत का 25 प्रतिशत सब्सिडी के तौर में प्रदान किया जाएगा।

पात्रता

  • व्यक्तियों, किसानों, किसान/उत्पादक का समूह, भागीदारी/स्वामित्व फर्म, गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ), स्वयं
    सहायता समूह (एसएचजी), कंपनियां, निगम, सहकारी समितियां इस योजना का लाभ उठा सकती हैं।
  • लाभार्थी भारत देश का निवासी होना चाहिए।
  • लाभार्थी कृषि क्षेत्र से संभंधित होना चाहिए।
  • जमीन की लागत परियोजना की लागत के 10 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
  • परियोजना स्थल समुद्र तल से 1000 मीटर की उचाई से अधीक होनी चाहिए।

लाभ लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • निवास प्रमाण पत्र
  • राशन कार्ड
  • बैंक खाते का विवरण

लाभ लेने की प्रक्रिया

  • ग्रामीण भण्डारण योजना का लाभदाय बनने के लिए आदेवक अपने संबंधित बैंक शाखा में जाएँ।
  • बैंक शाखा में अपना परियोजना प्रस्ताव एवं सभी अन्य जरूरी दस्तवेज़ जमा करें।
  • परियोजना प्रस्ताव की एक कॉपी डीएमआई के उप कार्यालय/क्षेत्रीय कार्यालय में जमा करे।
  • परियोजना के सत्यापन के बाद, बैंक ऋण और निर्धारित सब्सिडी स्वीकृत करेगा।

विशेषताएँ

  • गोदाम नगर निगम क्षेत्र के अधिकार क्षेत्र से बाहर होना चाहिए।
  • गोदाम का निर्माण केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग/राज्य जनता के अनुसार होना चाहिए।
  • गोदाम के दरवाजे, खिड़किया, और वेंटिलेटर्स जलरोधक होने चाहिए।
  • गोदाम की संरचना को कृन्तकों से सुरक्षा प्रदान होनी चाहिए।
  • गोदामों में चिड़ियों से सुरक्षा प्रदान होनी चाहिए यानि खिड़कियों और वेंटिलेटर्स में जाली लगी होनी चाहिए।
  • गोदाम में आग और चोरी के खिलाफ प्रभावी नियंत्रण की व्यवस्था होनी चाहिए।
  • गोदाम में स्टॉक की आसान लोडिंग और अनलोडिंग की व्यवस्था होनी चाहिए।

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