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समाज में प्रचलित कुरीतियों एवं भेद-भाव जैसे :कन्या भ्रूण हत्या , असमान लिंगानुपात , बाल विवाह एवं बालिकाओं के प्रति परिवार की नकारात्मक सोच जैसी प्रतिकूलताओं के कारण प्रायः बालिकाएं/महिलाएं अपने जीवन संरक्षण , स्वस्थ्य एवं शिक्षा जैसे मौलिक अधिकारों से वंचित रह जाती हैं। इन सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर निरंतर प्रयास भी किये जा रहे हैं।
उद्देश्य
मुख्य मंत्री कन्या सुमंगला योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई योजना है जिसका उद्देश्य बालिकाओं एवं महिलाओं सामाजिक सुरक्षा के साथ-साथ विकास हेतु नए अवसर प्रदान करना है। इसके फलस्वरूप जहाँ एक तरफ कन्या भ्रूण हत्या एवं बाल-विवाह जैसी कुरीतियों के प्रयासों को बल मिलेगा और बालिकाओं को उच्च शिक्षा व रोज़गार के अवसरों की ओर बढ़ने का अवसर प्राप्त होगा। महिला सशक्तिकरण वर्तमान उत्तर प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता है।
योजना के क्रियान्वयन के स्तर
मुख्य मंत्री कन्या सुमंगला योजना 6 श्रेणियों में निम्रवत लागु की जाएगी।
पहली श्रेणी | नवजात बालिकाओं जिनका जन्म 1 अप्रैल 2019 या उसके बाद हुआ हो , उनको 2000 रूपये एक मुश्त धनराशि प्रदान की जाएगी। |
दूसरी श्रेणी | वह बालिकाएं जिनका एक साल के अन्दर पूरा टीकाकरण हो चूका हो और उनका जन्म 1 अप्रैल 2018 से पहले न हुआ हो , उनको 1000 रूपये एक मुश्त धनराशि प्रदान की जाएगी। |
तीसरी श्रेणी | वह बालिकाएं जिन्होंने चालु शैक्षणिक सत्र के दौरान प्रथम कक्षा में प्रवेश लिया हो , उनको 2000 रूपये एक मुश्त धनराशि प्रदान की जाएगी। |
चौथी श्रेणी | वह बालिकाएं जिन्होंने चालु शैक्षणिक सत्र के दौरान छठी कक्षा में प्रवेश लिया हो , उनको 2000 रूपये एक मुश्त धनराशि प्रदान की जाएगी। |
पांचवी श्रेणी | वह बालिकाएं जिन्होंने चालु शैक्षणिक सत्र के दौरान नवी कक्षा में प्रवेश लिया हो , उनको 3000 रूपये एक मुश्त धनराशि प्रदान की जाएगी। |
छठी श्रेणी | वह बालिकाएं जिन्होंने 10वीं/12वीं कक्षा उत्तीर्ण करके चालु शैक्षणिक सत्र के दौरान स्नातक-डिग्री या कम से कम 2 वर्षीय डिप्लोमा में प्रवेश लिया हो , उनको 5000 रूपये एक मुश्त धनराशि पदान की जाती है। |
योजना की पात्रता
- लाभार्थी का परिवार उत्तर प्रदेश का निवासी हो
- लाभार्थी की पारिवारिक वार्षिक आय 3 लाख से ज़्यादा न हों।
- किसी परिवार की अधिकतम 2 ही बच्चियों को योजना का लाभ मिल सकेगा।
- किसी महिला को द्वितीय प्रसव से जुड़वा बच्चे होने पर तीसरे संतान के रूप में लकड़ी को भी लाभ अनुमन्य होगा। यदि किसी महिला को पहले प्रसव से बालिका है व द्वितीय प्रसव से 2 जुड़वा बालिकाएं ही होती हैं तो केवल ऐसी बालिकाओं को लाभ अनुमन्य होगा।
- यदि किसी परिवार ने अनाथ बालिका को गोद लिया हो , तो परिवार की जैविक संतानों तथा विधिक रूप में गोद ली गयी संतानों को सम्मिलित करते हुए अधिकतम 2 बालिकाएं इस योजना की लाभार्थी होगी।
ज़रूरी दस्तावेज़
- स्थायी निवास प्रमाण पत्र
- माता पिता का आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- आय प्रमाण पत्र
- बैंक अकाउंट
- मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट साइज फोटो
- अगर लड़की गोद ली है तो गोद लेने का प्रमाण पत्र
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